जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी: तीन आतंकवादी मारे गए, इलाके में हाई अलर्ट




🛑 जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी: तीन आतंकवादी मारे गए, इलाके में हाई अलर्ट

श्रीनगर, 27 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर की घाटी एक बार फिर सुरक्षाबलों की वीरता का गवाह बनी। शनिवार सुबह दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन आतंकवादी ढेर कर दिए गए।
इस कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।


🎯 मुठभेड़ की शुरुआत कैसे हुई?

सुबह के वक्त जब गाँव के लोग अपने खेतों की ओर निकल रहे थे, तभी सुरक्षाबलों को इनपुट मिला कि कुछ संदिग्ध आतंकी इलाके में छिपे हैं।
सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने मिलकर गाँव को चारों ओर से घेर लिया। खुद को घिरा देख आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

एक स्थानीय निवासी गुलाम नबी ने कहा:

"हमें पहले लगा कोई अभ्यास हो रहा है, लेकिन जब फायरिंग तेज़ हुई तो समझ गए कि हालात गंभीर हैं। हम सब घरों में बंद हो गए।"


🚓 सुरक्षाबलों का साहस और संयम

करीब तीन घंटे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने आतंकियों को चारों तरफ से घेरकर एक-एक कर ढेर कर दिया।
सबसे राहत की बात ये रही कि इस पूरे ऑपरेशन में किसी भी आम नागरिक को चोट नहीं आई।

सेना के एक अधिकारी ने कहा:

"हमारी कोशिश थी कि किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान न पहुंचे। स्थानीय लोगों के सहयोग से ऑपरेशन सफल रहा।"


🛡️ इलाके में हाई अलर्ट

  • ऑपरेशन के बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

  • संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

  • एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।

  • स्कूलों और बाज़ारों को अगले आदेश तक बंद रखा गया है।

प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।


🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सुरक्षाबलों की इस सफलता की सराहना करते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया:

"हम आतंकवाद के खात्मे के लिए संकल्पित हैं। सुरक्षाबलों को सलाम।"


✍️ निष्कर्ष: जंग अब भी जारी है

कश्मीर आज भी अमन की तलाश में है।
हर मुठभेड़, हर अभियान, हर जीत इस जंग को थोड़ा और आगे बढ़ा रही है।
सुरक्षाबलों का जज़्बा और स्थानीय लोगों का धैर्य ही वह ताकत है, जो इस वादी को एक दिन पूरी तरह से शांति की ओर ले जाएगा।

"कश्मीर की हवाओं में जंग का नहीं, अमन का रंग चाहिए।"

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